अथाह ब्यूरो, नई दिल्ली: 49 साल की उम्र में भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान कार्लटन चैपमैन (Carlton Chapman) का सोमवार को बेंगलुरू में दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन। रविवार की रात को बेंगलुरू में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। उनकी मर्त्यु की खबर सुनते ही पूरा फुटबॉल जगत में एक सन्नाटा सा पसर गया है।
Chapman के पुराने साथी ब्रूनो कुटिन्हो ने कहा, ‘मुझे बेंगलुरू से उनके एक दोस्त ने फोन पर बताया कि Chapman अब हमारे बीच नहीं रहे। वो हमेशा खुश रहने वाले इंसान थे और दूसरों की मदद करने के लिए हर वक्त तैयार रहते थे।’
उनका फुटबॉल करियर
Carlton Chapman एक मिडफील्डर के खिलाडी थे।उन्होंने 1995 से 2001 तक भारत की तरफ से खेले। उनकी कप्तानी की बात करे तो भारतीय ने उनकी कप्तानी में सन 1997 में सैफ कप (SAF Cup) जीता था। क्लब लेवल पर उन्होंने ईस्ट बंगाल (East Bengal) और जेसीटी मिल्स जैसी टीमों को रिप्रेजेंट किया।
टाटा फुटबॉल एकेडमी से निकले Carlton Chapman 1993 में ईस्ट बंगाल से जुड़े थे। उन्होंने एशियाई कप में विनर्स कप के पहले दौर के मैच में इराकी क्लब अल जावरा की टीम को बुरी तरह से हराकर 6-2 से मैच और गोल्स की हैट्रिक अपने नाम की।
अगर उनके बेस्ट प्रदर्शन की बात करे तो उन्होंने 1995 में जेसीटी के साथ अपना बेस्ट प्रदर्शन किया था। चैपमैन ने पंजाब स्थित क्लब की तरफ से 14 ट्रॉफियां जीती थी। इनमें 1996-97 में पहली राष्ट्रीय फुटबॉल लीग (NFL) भी शामिल है। उन्होंने आईएम विजयन (IM Vijayan) और बाईचुंग भूटिया (Bhaichung Bhutia) के साथ मजबूत कॉम्बिनेशन तैयार किया था।
Carlton Chapman बाद में एफसी कोच्चि से जुड़े लेकिन एक सीजन बाद ही 1998 में ईस्ट बंगाल से जुड़ गए थे। ईस्ट बंगाल ने उनकी अगुवाई में 2001 में एनएफएल जीता था। उन्होंने 2001 में पेशेवर फुटबॉल से संन्यास ले लिया था। इसके बाद वह कई अलग-अलग क्लब के कोच भी रहे।